ताँका कविता लिखने की एक जापानी विधा है| वर्णों का क्रम 5+7+5+7+7 होता है|
१
स्वार्थी जग ये
निर्दोष को सताए
डटे जो रहें
अग्नि पथ पे सदा
दुनिया जीत जाएं|
२
निःस्वार्थ सेवा
है मानव का धर्म
डगर हो सशक्त
यही बने जो लक्ष्य
जीवन हो सफल|
३
भ्रमित लोग
उलझे माया जाल
जीवन बढ़े
कष्ट में जब घिरे
सँभल न पाते वे|
४
सत्संग ही है
आत्म शुद्धि का यंत्र
अपनाएँ जो
मिटे उसका भ्रम
५
रिश्ते निभाना
कठिन है तपस्या
टूट जाते जो
दोबारा हैं जुड़ते
गाँठ हैं उभरते|
रवि रंजन
व्याख्याता
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