Sunday, May 18, 2014

मदर्स डे - आदित्य कुमार

आदित्य कुमार
माँ
खुदा मुझसे माँ की मोहब्बत न छीने
अगर छीनना है तो जहाँ छीन ले
वो जमीं छीन ले आसमां छीन ले
वो मेरे सर की बस ये छत न छीने
खुदा मुझसे माँ की मोहब्बत न छीने

अगर माँ न होती जमीं पर न आता
जिस आँचल में छुपाया वो आँचल न रहता
माँ न होती तो ये जान न पाता
माँ क्या है ये पहचान न पाता
कोई मुझ से मेरी पहचान न छीने
खुदा मुझसे माँ की मोहब्बत न छीने

अगर माँ का सर पे हाथ न होता
तो सारी दुनिया वीरान लगती
मगर मेरी माँ मेरे पास है
तो सारे जहाँ की खुशी साथ है
कोई मुझसे मेरी ये खुशी न छीने
खुदा मुझसे माँ की मोहब्बत न छीने|

रचनाकार - आदित्य कुमार
वर्ग      - V C
रौल नं०   - 4

विद्यालय- लोयला हाई स्कूल

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